
बहुत ही भावुक और दिल दहला देने वाली घटना है। नीचे इस दर्दनाक हादसे पर आधारित एक संवेदनशील और प्रभावशाली न्यूज़ रिपोर्ट तैयार की गई है, जो किसी न्यूज़ वेबसाइट या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित की जा सकती है:
अपनों के इंतजार में नम आंखें, मिलकर मलबा हटाते लोग… मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे के बाद का मंजर, 11 ने गंवाई जान
नई दिल्ली, 19 अप्रैल 2025 – मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार रात हुई एक पुरानी इमारत के ढहने की घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। इस भीषण हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। राहत एवं बचाव कार्य अब भी जारी है।
🏚️ चीखें, चीख-पुकार और सन्नाटा…
घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि हादसा रात करीब 11 बजे हुआ जब अधिकांश लोग अपने घरों में आराम कर रहे थे। अचानक तेज आवाज के साथ पूरी इमारत भरभरा कर गिर गई। चीख-पुकार, मलबा, और धूल के बीच लोग खुद फावड़े, हाथ और जो कुछ मिला उससे अपनों को बचाने में जुट गए।
🧍♂️ “अब्बू अभी अंदर हैं…”
14 वर्षीय अयान की आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह लगातार मलबे की ओर इशारा कर कह रहा था, “अब्बू अंदर हैं… वो ठीक होंगे ना?” इस मासूम उम्मीद ने वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम कर दीं।
🤝 स्थानीय लोग बने फ़रिश्ते
NDRF और फायर ब्रिगेड की टीमों के आने से पहले स्थानीय लोग ही राहत का पहला सहारा बने। कई लोग अपने जख्मों की परवाह किए बिना घंटों तक मलबा हटाते रहे।
🚑 राहत कार्य जारी, लापता लोगों की तलाश
अब तक 11 शव मलबे से निकाले जा चुके हैं। घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें कुछ की हालत नाज़ुक बताई जा रही है। प्रशासन ने इमारत के मालिक के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
🏚️ पुरानी इमारत, कई बार नोटिस के बावजूद नहीं हुई मरम्मत
स्थानीय पार्षद ने बताया कि यह इमारत 40 साल से ज्यादा पुरानी थी और उसे पहले भी नगर निगम द्वारा कई बार नोटिस भेजा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
ये हादसा सिर्फ एक इमारत के गिरने का नहीं, बल्कि सिस्टम की नींव के कमजोर होने का सबूत है।
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