
एक कार्यक्रम के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने लोकसभा चुनाव के वक्त कहा था कि महाराष्ट्र के उद्योग और व्यवसाय गुजरात जा रहे हैं, महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है. इसकी वजह है राज ठाकरे का एक बयान. दरअसल, महेश मांझरेकर के साथ एक पॉडकास्ट में राज ठाकरे ने एक बयान… उधर, राज ठाकरे के बयान पर उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि छोटे-मोटे झगड़ों को खत्म करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने ..
मुंबई, 19 अप्रैल 2025 – महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई करवट लेते हुए शिवसेना (उद्धव गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने संकेत दिए हैं कि वह राज ठाकरे की मनसे (MNS) के साथ पुराने मतभेद भुलाकर साथ आने को तैयार हैं – लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
एक ताज़ा इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने कहा,
“हम पुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ना चाहते हैं। राज्य के हित में अगर साथ आना पड़े, तो हम तैयार हैं। लेकिन इसकी एक राजनीतिक और वैचारिक नींव होनी चाहिए।“
💬 क्या हैं उद्धव की शर्तें?
सूत्रों के मुताबिक, उद्धव ठाकरे ने जो प्रमुख शर्तें रखी हैं, उनमें शामिल हैं:
हिंदुत्व के मुद्दे पर स्पष्ट रुख
संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता
राजनीति में “मर्यादा” और व्यक्तिगत हमलों से परहेज
🤝 गठबंधन की संभावना या महज सियासी संकेत?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए दिया गया है, जिसमें शिवसेना (उद्धव गुट) और MNS दोनों ही बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो सकते हैं। हालांकि राज ठाकरे की तरफ से अभी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि यदि यह गठबंधन होता है, तो महाराष्ट्र में एक तीसरे मोर्चे की संभावना मजबूत हो सकती है, जो शिवसेना (शिंदे गुट) और बीजेपी के लिए चुनौती बन सकता है।